सर्दियों में पालक और गाजर खूब खाइए, बीमारियों को दूर भगाइए

सर्दियों में पालक और गाजर खूब खाइए, बीमारियों को दूर भगाइए

रोहित पाल

सर्दियों ने दस्तक दे दी है और इसके साथ हल्की-हल्की ठंडी हवाएं भी चलने लगी हैं। ठंड की दस्तक के साथ ही इसका स्वास्थ्य पर भी असर दिखने लगता है।   ऐसे में इस मौसम में अपनी सेहत का खास ख्याल रखना पड़ता है। क्योंकि मौसम के बदलाव के साथ ही कई बीमारियां भी दस्तक दे देती हैं। सर्दियों में शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है जिस कारण से सर्दी-जुखाम, भुखार, ठंड और स्किन का रूखापन जैसी समस्याएं आपको घेरे रहती हैं। इसलिए फिट एंड फाइन रहने के लिए जरूरी है कि हम उन चीजों को अपनी ज्यादा से ज्यादा शामिल करें जो हमें इन बीमारियों के प्रभाव से दूर रखें। वैसे सर्दियों में ही मिलने वाली ऐसी कई सब्जियां हैं जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करती हैं और बीमारियों से दूर रखती हैं।

इनमें गाजर और पालक दो ऐसी सब्जियां हैं जो सर्दियों में हमेशा उपलब्ध रहती हैं। गाजर और पालक में ऐसे बहुत सारे गुण हैं जो पूरे शरीर को पोषण देती हैं। ये सब्जियां बच्चों से लेकर बूढ़ों सबके लिए फायदेमंद हैं। आइये जानते हैं इनके गुणों के बारे में...

1- पालक:

पालक सर्दियों में सबसे ज्यादा मिलने वाली और जल्दी तैयार होने वाली सब्जी है। पालक आसानी से पचने वाली शीतल और पोषक सब्जी है। पालक विटामिन 'ए' का धनी है। अन्य हरी सब्जियों की अपेक्षा इसमें विटामिन 'ए' ज्यादा होता है। यह विटामिन स्वास्थ्यकर, खासकर आंखों के स्वास्थ्य में वृद्धि करता है। विटामिन 'ए' की कमी से रतौंधी रोग हो जाता है। इस प्रकार रतौंधी में पालक बहुत ही महत्वपूर्ण शाक है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि करता है।

इसके अलावा पालक में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है और इसे उचित तरीके से लिया जाए तो हीमोग्लोबिन एवं लाल रक्त कणों में वृद्धि करता है। यह खून बढ़ाने में अति लाभकारी होता है। इसके अलावा यह कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है। इन गुणों के कारण यह शरीर में बीमारी को होने से रोकता है।

पालक का रस पाचन क्रिया के लिए बहुत लाभकारी होता है। यह आंतों की सफाई करता है और दांत एवं मसूड़ों के लिए भी लाभदायक होता है। इसके अलावा यह पायरिया एवं मसूड़ों में खून बहने की प्रक्रिया को रोकता है। खासकर पुरानी कब्ज, आंतों के घाव, खून की कमी, फोड़ा-फुंसी, मोटापा, ग्रंथि-दोष, नेत्र रोग आदि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

चेतावनी-

पालक में इतनी सारी विशेषताओं के होते हुए भी इसे पथरी के रोगियों, गाउट और यकृत की बीमारियों वाले व्यक्ति को नहीं देना चाहिए। क्योंकि इसमें थोड़ी मात्रा में ऑक्जेलिकएसिड होता है जो इन रोगों से प्रभावित व्यक्तियों के लिए हानिकारक हैं।

गाजर:

पोषण की दृष्टि से गाजर में और सब्जियों की तुलना में अधिक मात्रा और उच्च कोटि का  विटामिन पाया जाता है। गाजर में विटामिन ए और सी अधिक पाया जाता है। इसके अलावा यह विटामिन बी1, बी2 का अच्छा सोर्स है। गाजर कैरोटीन पाने का एक प्राकृतिक स्रोत है। इसके अलावा गाजर कार्बोहाइड्रेट पाने का एक अच्छा सोर्स है। इसमें पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, सल्फर और लोहा एवं थोड़ी मात्रा में आयोडीन जैसे खनिज पाए जाते हैं। उसमे कार्बोनिक प्रोटीन भी होता है। ये खनिज तत्व गाजर थी ऊपरी परत के ठीक पास होते हैं। इसे छीला नहीं जाना चाहिए, अन्यथा बहुमूल्य खनिज तत्व नष्ट हो जाते हैं।

गाजर को अलग-अलग तरीकों से खा सकते हैं। इसे चाहे कच्चा खाइए या उबालकर खाइए। गाजर का रस चमत्कारी रस के नाम से भी जाना जाता है। यह बच्चों और बड़ों को समान रूप से बेहतर स्वास्थ्य देता है। यह आंखों को ताकत देता है। यह दमा, खून की कमी, जलोदार, रात्रि-अंधता, पथरी, रक्त-प्रदूषण और त्वचा की बीमारियों में औषधि का काम करता है। यह शरीर की अविकसित अवस्था, वजन तथा ताकत की कमी एवं पेट की गड़बडियों को दूर करता है। यह दूध पिलाने वाली माताओं के लिए भी फायदेमंद है। गाजर उन लोगों के लिए सबसे अच्छा आहार है जो नेत्र की बीमारियों, सांस की शिकायत, आंत की गड़बड़ियों तथा वात संबंधी रोगों से पीड़ित हैं।

चेतावनी-

पेशाब करते समय अगर जलन हो तो वह भी गाजर के उपयोग से दूर हो जाता है। यह रूप-रंग में भी निखार लाकर उन्हें अपेक्षित रंग देता है। मगर मधुमेह के रोगियों को गाजर से बचना चाहिए, क्योंकि गाजर में शर्करा की मात्रा अत्यधिक होती है।

 

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